प्राचार्य
जीवन में सबसे सफल व्यक्ति वही है जिसके पास सबसे हाल की जानकारी है। ”आप सभी के बीच में से एक , मैं समझता हूं और हमारे सामने सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य की सराहना करता हूं। एक बच्चे की नियति को आकार देना हममें से प्रत्येक के लिए बड़े गर्व की बात है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति में दो गुना सद्भाव की स्थापना है – अपने स्वयं के भीतर सद्भाव और दुनिया में अन्य जीवित प्राणियों के साथ सद्भाव। इसलिए हमारा लक्ष्य हमेशा पाठ्यचर्या और सह-पाठयक्रम गतिविधियों के माध्यम से व्यक्तित्व संवर्धन रहा है। शिक्षण एक कैरियर या एक पेशे से बहुत अधिक है। यह (शिक्षण) एक बच्चे को जिम्मेदार नागरिक में ढालने और आकार देने की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। मुझे यकीन है कि मेरे छात्र समाज के उत्पादक, बुद्धिमान और ईमानदार नागरिक बन जाएंगे। वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए माता-पिता की सक्रिय भागीदारी और सहयोग बेहद आवश्यक होगा। हम उत्कृष्ट उत्साह के साथ नए उत्साह की तलाश करने का प्रयास करते हैं ताकि प्रतिस्पर्धा के वर्तमान युग में हमारे छात्र आत्म-संयमित हो सकें और एक सफल नागरिक बनकर, देश व समाज का हिस्सा बने ।